Rajani katare

Add To collaction

अजब जीवन संसार

                   "अजब जीवन संसार"

प्रकृति ने दिया हमें, अनुपम उपहार,
तिनका तिनका जोड़, नीड़ बनाती हूँ,
अजब जीवन संसार....

स्वछंद है जीवन मेरा, अनोखा संसार,
दाना दाना ढूंढ, जीवन यापन करती हूं,
अपना घर संसार.....

दूर दूर पल में, उड़ जाती, पंख पसार,
नीले, अम्बर के तले, घूमती रहती हूँ,

मेरे अपनों का, अंबर तले, घर संसार,
हुनर दिया, ईश ने मुझे, नीड़ बनाती हूँ,
अजब जीवन संसार.....

सीख देती सबको, करती पर उपकार,
डगर मगर है राह मेरी, चलती जाती हूँ,

सपने सजाती, प्यार अनमोल उपहार,
घर संसार अपना, कहीं भी बसा लेती हूँ,
अपना घर संसार.....

प्यार से, सेती अंडे, अपना जीवन संवार,
चूजे से, बच्चे निकलें, खुश हो जाती हूँ,

परिश्रम से न डरती, लाती दाना ढूंढ कर,
आस पास, बच्चों के रहती, रक्षा करती हूँ,
अजब जीवन संसार.....

दाना खिलाती, अपनी चौंच से, प्यार कर,
धीरे धीरे, उड़ उड़ कर, उड़ना सिखाती हूँ,

मेरे आगे पीछे ,घूमते हैं, प्यार जतलाकर,
चूं चूं ,चूंचूं, जब करते बच्चे,वारि जाती हूँ,
अपना घर संसार.....

संघर्ष पूर्ण है, जीवन नित मेरा, जीवन भर,
अभिलाषाऐं,पूरी करने नित, प्रयास करती हूँ,

फुर से, उड़ जाते वो, यौवन की देहरी पर,
जीवन का ये, फ़लसफ़ा,तकती रह जाती हूँ,
अजब जीवन संसार.....

उमड़ घुमड़, प्यार करुं, जीवन देती निसार,
कैसा है, अजब संसार,सोचती रह जाती हूँ,
अजब घर संसार, अजब जीवन संसार... ।


     काव्य रचना-रजनी कटारे
           जबलपुर (म.प्र.)

नोट:-
जीवन दर्शन:--
जीवन की जटिलता, नैसर्गिक प्रेम,
माँ की ममता, कर्तव्य पथ,
अंत नितांत अकेला,
शून्य जीवन,
रचना के माध्यम से एक,
छोटी सी कोशिश...🙏

   2
2 Comments

Niraj Pandey

02-Nov-2021 04:14 PM

बहुत खूब

Reply

बहुत ही बेहतरीन रचना 👌👌

Reply